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टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट

मेडिकल की आवश्यकता के बारे में जानने लायक बातें!

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आज के युग में, जब टर्म इंश्योरेंस खरीदने की बात आती है, तो टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट से गुजरना आवश्यक होता है। टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट का उद्देश्य आपके स्वास्थ्य की सही स्थिति की पहचान करना है ताकि इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपके लिए सर्वोत्तम टर्म प्लान बनाने में मदद कर सके। प्रत्येक पॉलिसी खरीदार को टर्म इंश्योरेंस के लिए कुछ सामान्य मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है, जैसे [1]:

  • कम्प्लीट ब्लड काउंट
  • किडनी फंक्शन टेस्ट
  • लिवर फंक्शन टेस्ट
  • लिपिड प्रोफाइल
  • फास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोज़
  • HIV
  • रूटीन यूरिन टेस्ट
  • उम्र/पॉलिसी कवरेज के आधार पर अतिरिक्त टेस्ट
  • ECG
  • ट्रेडमिल टेस्ट

इसके अलावा, संपूर्ण टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट, परिवार की मेडिकल हिस्ट्री, आपकी उम्र और आप किस प्रकार के इंश्योरेंस पॉलिसी कवरेज के लिए आवेदन कर रहे हैं जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। आइए हम आपके इंश्योरेंस की खरीदी के सफर में टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट की संबद्धता और महत्व को देखें। 

टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट का महत्व

आपकी असामयिक मृत्यु के मामले में, टर्म इंश्योरेंस प्लान आपके परिवार के लिए वित्तीय बैकअप बनाने में आपकी मदद कर सकता है। आपकी अनुपस्थिति में, टर्म पॉलिसी से मिलने वाला इंश्योरेंस बेनिफिट आपके बच्चों की शिक्षा, लोन का भुगतान करना और घर के बील के प्रबंधन जैसी सभी वित्तीय जरूरतों का ध्यान रखेगा। 

हालांकि, टर्म इंश्योरेंस की खरीदी की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, आपको एक व्यापक टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा।

टर्म प्लान मेडिकल टेस्ट के परिणामों के आधार पर, इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपकी समग्र स्वास्थ्य स्थिति और आपकी रिस्क प्रोफ़ाइल का निर्धारण करेगा।

इसके बाद, इंश्योरर आपके लिए कस्टमाइज्ड टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी कोट्स बनाएगा, ताकि आप टर्म प्लान वैरिएंट चुन सकें जो लागत प्रभावी प्रीमियम दरों के लिए अधिकतम लाभ प्रदान करता है।

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रीमियम का दर इंश्योरर के आपके जोखिम की धारणा के आधार पर निर्धारित किया जाता हैं। इसलिए इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने से पहले टर्म इंश्योरेंस के लिए मेडिकल टेस्ट लेने से आपके देय प्रीमियम को काफी कम करने में मदद मिल सकती है।

एक टर्म इंश्योरेंस खरीदार के रूप में, आपको टर्म पॉलिसी चुनते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

ए) अपने जीवन के प्रारंभिक चरण के दौरान, जैसे कि 20 और 30 साल के बीच की उम्र में, टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट से गुजरना सबसे श्रेष्ठ है

बी) टर्म प्लान मेडिकल टेस्ट से गुजरना और कम उम्र में टर्म प्लान खरीदना आपके इंश्योरेंस प्रीमियम को कम रखने में आपकी मदद कर सकता है|

सी) 20 और 30 साल  के बीच की उम्र में एक टर्म प्लान खरीदने का मतलब यह भी है कि आप एक अधिकतम कवरेज अवधि का विकल्प चुन सकते हैं - जिसका अर्थ है कि आप टर्म प्लान के साथ अपने अधिकत्तर कामकाजी और सेवानिवृत्ति के वर्षों को जीवन की अनिश्चितताओं के खिलाफ सुरक्षित कर सकते हैं।

जीवन में, हम स्वस्थ रहने के लिए संभव हो वह सब कुछ करते हैं। चूंकि हम लगातार अपना ख्याल रखने की कोशिश करते हैं, हमें इसका फल भी उतना ही मिलना चाहिए। इस प्रकार, आपकी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए देय प्रीमियम आपकी संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार होना चाहिए।

टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट से गुज़रने से पहले, इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपको आवेदन फॉर्म भरते समय किसी भी पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं और आपके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री उल्लेखित करने के लिए कह सकता है।

यदि आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति का खुलासा नहीं करने का निर्णय लेते हैं, तो संभव है कि आपको आपकी इच्छा अनुसार कवरेज प्रोटेक्शन नहीं मिलेगा या इससे भी बदतर, आपका टर्म इंश्योरेंस क्लेम खारिज भी हो सकता है।

टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट से प्रभावित कारक

भारत में किसी भी टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट का प्राथमिक उद्देश्य इंश्योरेंस प्रोवाइडर के लिए टर्म प्लान के आवेदक के स्वास्थ्य के बारे में सब कुछ जानना है। इसके बाद, इंश्योरर एक परसनलाइज़्ड टर्म इंश्योरेंस कवरेज बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगा - अधिकतम कवरेज अवधि, देय प्रीमियम के कम से कम दर और अन्य पॉलिसी बेनिफिट्स के साथ उसे पूरा करेगा। 

लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स के लिए नियम और शर्तें, मुख्य रूप से टर्म इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट के परिणामों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जिसे बीमा कंपनी आपसे कराने के लिए कहती है। आइए टर्म प्लान मेडिकल टेस्ट के परिणामों से प्रभावित होनेवाली पॉलिसी की विशेषताओं को देखें:

1.  देय प्रीमियम

इंश्योरेंस प्रोवाइडर का प्राथमिक लक्ष्य आपके टर्म प्लान के लिए देय प्रीमियम की राशि की गणना करना है। लाइफ इंश्योरेंस बिज़नेस मॉडल आवेदक के समग्र जोखिम की धारणा के आधार पर काम करता है। इसलिए, इससे पहले कि इंश्योरर निर्धारित कर सकें कि प्लान के लिए देय प्रीमियम के लिए उपयुक्त राशि क्या होगी, उसे आपकी मौजूदा शारीरिक स्वास्थ्य स्थिति का निर्धारण करना चाहिए।

यदि आपका शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ने की कगार पर हैं, तो आपका देय प्रीमियम कम होगा। दूसरी ओर, यदि टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट किसी भी पूर्व-मौजूदा चिकित्सा स्थितियों की पहचान करता है, तो आपके साथ जुड़े जोखिम कारक अधिक हो जाता है। इसके बाद, आपको आपकी इच्छा अनुसार कवरेज के लिए अधिक प्रीमियम राशि का भुगतान करना पड़ सकता है।

2. सम एश्योर्ड

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का एक अन्य पहलू जो टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट के परिणामों से प्रभावित होता है, वह है सम एश्योर्ड। सम एश्योर्ड इंश्योरेंस बेनिफिट्स राशि की वह राशि है जो आपके परिवार को पॉलिसी अवधि के दौरान होने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में प्राप्त होती है। 

यदि आपके परिणाम अपेक्षा अनुसार स्वस्थ हैं, तो टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट आपको अधिक सैम एश्योर्ड प्राप्त करने में मदद कर सकता है। जिन इंश्योरेंस पॉलिसियों को भारत में टर्म इंश्योरेंस के लिए किसी चिकित्सा परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है, वे आमतौर पर कम इंश्योरेंस राशि प्रदान करती हैं, जो अक्सर आपके परिवार को वित्तीय रूप से कवर करने में अपर्याप्त साबित हो सकती हैं। टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट से गुजरने से पहले, यह सलाह दी जाती है कि आप उपलब्ध टर्म इंश्योरेंस प्लान के लाभों के बारे में अच्छी तरह से शोध करें और इच्छा अनुसार इंश्योरेंस राशि के लिए देय प्रीमियम का अनुमान लगाने के लिए online term insurance calculator का उपयोग करें।

3. क्लेम की अस्वीकृति

बहुत से लोग गलती से यह मान लेते हैं कि भले ही वे pre-existing health condition से पीड़ित है, फिर भी वे एक ऐसी योजना का चयन करके वांछित कवरेज प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। 

क्लेम सेटलमेंट के समय, यदि इंश्योरेंस प्रोवाइडर को पता चलता है कि पॉलिसीहोल्डर की असामयिक मृत्यु किसी भी पूर्व-मौजूदा स्थिति का परिणाम है जिसका उनके आवेदन में उल्लेख नहीं किया गया था, तो इंश्योरर आपके टर्म इंश्योरेंस क्लेम को अस्वीकार कर सकता है।

अपना टर्म इंश्योरेंस आवेदन भरने के लिए आपको ऐसी किसी भी मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों का खुलासा करना होगा जो बाद में जानलेवा बीमारियों में विकसित हो सकती हैं और जिसके परिणामस्वरूप क्लेम अस्वीकार हो सकता है। 

कोविड-19 महामारी के दौरान मैक्स लाइफ टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट कैसे आयोजित किया जाता है?

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस अपने ग्राहकों को अपने घर पर ही या पास के डायग्नोस्टिक सेंटर में जाकर मेडिकल टेस्ट कराने का विकल्प प्रदान करता है। मैक्स लाइफ इंश्योरेंस आयोजित किए गए मेडिकल टेस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। 1 अप्रैल, 2020 के बाद सुरक्षित रूप से किए गए 1 लाख से अधिक मेडिकल टेस्ट के साथ, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ग्राहक के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान भी टर्म इंश्योरेंस और वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करना आसान बनाता रहा है।

सर्वोत्तम संभव कवरेज प्राप्त करने के लिए टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट का विकल्प चुनें

भारत में टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट कराने से आपको सर्वोत्तम संभव इंश्योरेंस कवरेज प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। आपके केस का समर्थन करने के लिए टर्म इंश्योरेंस मेडिकल टेस्ट के परिणामों के साथ, इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपको एक व्यक्तिगत टर्म इंश्योरेंस कवरेज बनाने में मदद करेगा जो आपको लंबे समय में मदद करेगा। अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत टर्म इंश्योरेंस कवरेज होने से, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके परिवार के पास आपकी जीवनशैली उसी तरह जीने के लिए पर्याप्त पैसा है और वित्तीय अस्थिरता के बारे में ज्यादा चिंता किए बिना अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काम कर सकते है।

ARN No: Sept22/Bg/21B

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